ना थी  जिसको  मेरे  प्यार  की  कदर, इत्तेफाक  से  उसी  को  छह  रहा  था  मैं,
उसी  दिए  ने  जलाया  मेरे  हाथों  को, जिसको  हवा  से  बचा  रहा  था  मै……..

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